राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड
हमारी शुरुआत...
नेशनल कोऑपरेटिव एक्स्पोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल) की परिकल्पना तब की गई जब हमारे माननीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी ने देश के संपूर्ण सहकारी क्षेत्र द्वारा निर्यात हेतु एक अम्ब्रेला संगठन के रूप में कार्य करने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की बहु-राज्यीय सहकारी समिति की स्थापना करने का निर्णय लियाथा ।
एनसीईएल एक बहु-राज्य सहकारी समिति है जो कि एमएससीएस अधिनियम, 2002 के अंतर्गत पंजीकृत है। इसे देश की कुछ प्रमुख सहकारी समितियों, अर्थात् गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ (जीसीएमएमएफ), जिसे आम तौर पर अमूल कहा जाता है, भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको), कृषक भारती कोऑपरेटिव लिमिटेड (कृभको) और नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नैफेड) द्वारा संयुक्त रूप से संवर्धित किया जाता है। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) जो किसहकारिता मंत्रालय के तहत एक सांविधिक निगम है, इसके संवर्धक सदस्यों में से एक है।
एनसीईएल अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन द्वारा प्रतिपादित सहकारी सिद्धांतों का बारीकी से पालन करता है और निर्यात प्रोत्साहन के माध्यम से अपने सदस्यों की सामाजिक और आर्थिक उन्नति के कार्य करने हेतु तत्पर रहेगा ।
एनसीईएल एक अंब्रेला संगठन के रूप में कार्य करने के साथ देश में सहकारी क्षेत्र से निर्यात हेतु कार्य करेगा। एनसीईएल सहकारी समितियों द्वारा उत्पादित सभी प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं की खरीद, भंडारण, प्रसंस्करण, विपणन, ब्रांडिंग, लेबलिंग, पैकेजिंग, प्रमाणन, अनुसंधान और विकास के साथ-साथ व्यापार करेगा और विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा देगा। एनसीईएल वित्त की व्यवस्था करने, तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करने, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण में मदद करने, बाजार इंटेलीजेंस प्रणाली विकसित करने और बनाए रखने, संबंधित सरकारी योजनाओं को लागू करने और ऐसी अन्य गतिविधियां करने में भी मदद करेगा जिससे सहकारी क्षेत्र और अन्य संबंधित संस्थाओं से निर्यात में वृद्धि होगी।
सहकारी सिद्धांत
खुली एवं स्वैच्छिक सदस्यता
लोकतांत्रिक सदस्य नियंत्रण
सदस्य का आर्थिक भाग लेना
स्वायत्तता और आजादी
शिक्षा, प्रशिक्षण और जानकारी
के बीच सहयोग सहकारिता
समुदाय के लिए चिंता
एक्सपोर्ट सोसायटी कैसे चलती है और इससे कौन से सदस्य निकलते हैं
सहकारी क्षेत्र निर्यात
ये ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचलित हैं और किसानों और कृषि श्रमिकों की जरूरतों को पूरा करते हैं। वे ऋण, इनपुट, बीज, उर्वरक और विपणन सहायता जैसी सेवाएँ प्रदान करते हैं।
कृषि सहकारी समितियाँ
भारत की सबसे प्रसिद्ध डेयरी सहकारी समिति अमूल है, जिसका गठन १९४६ में निजी व्यापारियों द्वारा दूध उत्पादकों के शोषण की प्रतिक्रिया के रूप में किया गया था। अमूल मॉडल, जिसे आनंद पैटर्न के रूप में भी जाना जाता है, ने डेयरी क्षेत्र में क्रांति ला दी और लाखों दूध उत्पादकों को सशक्त बनाया।
डेयरी सहकारी समितियाँ
कपड़ा सहकारी समितियाँ कपास की बुवाई से लेकर कपड़ा उत्पादन सक्रिय हैं। उनकी गतिविधियाँ कपास की खेती से लेकर उसकी ओटाई और प्रेसिंग, कताई और बुनाई, प्रसंस्करण, परिधान तक व्याप है और उसका लाभ हथकरघा, कॉयर, जूट और रेशम उत्पादन जैसी कमजोर वर्ग की गतिविधियों तक होती हैं । ये देश की जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान करती हैं।
कपड़ा सहकारी समितियाँ
इन सहकारी समितियों का लक्ष्य उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर आवश्यक सामान और सेवाएँ प्रदान करना है। वे अक्सर शहरी क्षेत्रों में काम करते हैं और उपभोक्ता-केंद्रित दृष्टिकोण रखते हैं।
उपभोक्ता सहकारी समितियाँ
भारत को दुनिया में शीर्ष चीनी उत्पादक देशों में से एक बनाने में चीनी सहकारी समितियों की सक्रिय भूमिका है और वे भारत में चीनी के कुल उत्पादन में लगभग 40 प्रतिशत का योगदान करती हैं। चूँकि पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को प्राथमिकता दी गई है, चीनी सहकारी समितियाँ कृषि अर्थशास्त्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
चीनी सहकारी समितियाँ
फल और सब्जी सहकारी समितियां संभावित विदेशी मुद्रा अर्जक हैं और सहकारी विपणन के साथ इसबगोल, जीरा, आम आदि जैसी फसलें किसानों के साथ-साथ देश के लिए भी पैसा कमाने वाली बन गई हैं। भारत में विविध जलवायु परिस्थितियाँ औषधीय और सुगंधित फसलों, कंद फसलों, फूलों की खेती, मशरूम, इसबगोल, जीरा फसलों की वृद्धि और विकास में सहायता करती हैं।
फल और सब्जी सहकारी समितियां
एनसीईएल वार्षिक रिपोर्ट
हम एक विशेष संगठन हैं जो तीव्र प्रतिस्पर्धा, एकाधिकार, कदाचार, अपर्याप्त बुनियादी ढांचे और मानकीकरण मुद्दों जैसी निर्यात चुनौतियों से निपटने के लिए समर्पित है। हमारा मिशन यह सुनिश्चित करना है कि आपके उत्पाद आपके लक्षित ग्राहकों तक सफलतापूर्वक पहुंचें। हमारे साथ साझेदारी करके, आप एक नए भारत, एक ऐसा राष्ट्र जो प्रगति और वैश्विक मंच पर सार्थक प्रभाव डालने के लिए प्रयासरत है, के भविष्य को आकार देने का हिस्सा बन सकते हैं।
एक सदस्य के रूप में हमसे जुड़ने के लिए, हमें यहां लिखें headcoop@ncel.coop