परिकल्पना
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पूरे देश में विभिन्न सहकारी समितियों, स्वयं सहायता समूहों, किसान संगठनों और इसी तरह के संगठनों द्वारा उत्पादित या संसाधित उत्पादों के निर्यात के लिए एक शीर्ष अम्ब्रेला संगठन के रूप में कार्य करना।
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किसानों और अन्य हितधारकों के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करना, जिससे सहकार-से-समृद्धि का लक्ष्य साकार हो सके।
लक्ष्य
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सभी हितधारकों को वैश्विक बाजार तक पहुंच प्रदान करना ।
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हितधारकों की आय में वृद्धि करना, जो बेहतर सामाजिक सुरक्षा में परिवर्तित होगी ।
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निर्यात-संबंधित गतिविधियों जैसे मूल्य-संवर्धन, पैकेजिंग, लेबलिंग, भंडारण, परिवहन, आदि के माध्यम से ग्रामीण रोजगार पैदा करना, जो बदले में, शहरी क्षेत्रों में पलायन को कम करेगा ।
- निर्यात-संबंधित गतिविधियों जैसे मूल्य-संवर्धन, पैकेजिंग, लेबलिंग, भंडारण, परिवहन, आदि के माध्यम से ग्रामीण रोजगार पैदा करना, जो बदले में, शहरी क्षेत्रों में पलायन को कम करेगा ।
- अधिशेष कृषि उपज को विदेशी बाजारों में भेजना ।
- किसानों की उत्पाद की बर्बादी और वित्तीय हानि को कम करना ।
- विश्वसनीय और समय पर बाजार संबंधी जानकारी देना, जिससे अधिकतम लाभ के साथ संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग संभव हो सके ।
- पूरे देश में संपूर्ण सहकारी समुदाय का प्रतिनिधित्व करना, हितधारकों के बीच जुड़ाव की भावना पैदा करना, जिसके परिणामस्वरूप सामाजिक एकजुटता और राष्ट्रीय अखंडता मजबूत होगी।
मुख्य उद्देश्य
- संयुक्त उत्पादों/सेवाओं के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करना
- उत्पाद की गुणवत्ता और मानकीकरण में सुधार करना
- निर्यात के लिए आवश्यक प्रमाणपत्र और अनुमतियाँ प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करना
- सहकारी समितियों के निर्यात को विकसित करने के लिए बुनियादी ढांचे की स्थापना करना
- विदेशी बाजार के अवसरों का पता लगाने के लिए विदेश में प्रतिनिधिमंडलों के दौरों का आयोजन करना
- सदस्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करना और वित्त की व्यवस्था करने में सहायता करना
- सहकारी समितियों को आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करके स्टार्ट-अप स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करना
- राष्ट्रीय एवं विदेशी बाजारों के बारे में अनुसंधान करनाऔर निर्यात संबंधी परामर्श सेवाएँ प्रदान करना
- सहकारी निर्यात क्षेत्र पर डेटा बेस स्थापित करना
- केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर सहकारी निर्यातक समुदाय और सरकार के बीच बातचीत को बढ़ावा देना और सदस्यों के लाभ हेतु सरकारी योजनाओं या सरकार प्रायोजित सहायता प्रणालियों तक पहुंचना
- सहकारी निर्यात क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों से निपटना